प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान वसंत पंचमी अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी है। शनिवार से ही संगम जाने वाले मार्गों पर भक्तों की चहल-पहल दिखने लगी थी। प्रशासन भी इस भीड़ को देखते हुए विशेष तैयारियों में जुट गया है।
श्रद्धालुओं का रेला शुरू
26 जनवरी से ही कुंभ में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मौनी अमावस्या के दिन आठ करोड़ से अधिक भक्तों ने पवित्र स्नान किया। इसके बाद भी मेले में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बनी रही। हालांकि, शुक्रवार और शनिवार को भीड़ में थोड़ी कमी देखी गई थी, लेकिन रविवार से फिर आस्था का ज्वार उमड़ने की संभावना जताई जा रही है।
रविवार और सोमवार को भीड़ का अनुमान
वसंत पंचमी अमृत स्नान पर्व सोमवार को है, लेकिन रविवार से ही पंचमी तिथि लगने के कारण स्नान शुरू हो जाएगा। इसके अलावा अवकाश होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। शनिवार को भी स्नान के लिए भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। काली मार्ग, बांध मार्ग और संगम जाने वाले अन्य प्रमुख सड़कों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं।
शनिवार को दो करोड़ से अधिक भक्तों ने किया स्नान
शनिवार को लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। मेला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, शाम चार बजे तक 1.80 करोड़ से अधिक भक्तों ने संगम में डुबकी लगाई थी।
सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर हुए हादसे के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। पहले से ही पांच विशेष सचिवों को मेले की व्यवस्था देखने के लिए नियुक्त किया गया था। शनिवार को शासन ने और सख्ती बरतते हुए पीएसएस स्तर के पांच और अधिकारियों की तैनाती कर दी।
नए अधिकारियों की तैनाती
महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए कई वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। नोएडा विकास प्राधिकरण के देवेंद्र कुमार सिंह, बुंदेलखंड औद्योगिक प्राधिकरण के राम कुमार शुक्ला, फिरोजाबाद के शिव ध्यान पांडेय, उन्नाव के प्रशांत कुमार नायक और सीतापुर के पराग माहेश्वरी को 15 फरवरी तक मेले की व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी अधिकारी महाकुंभ की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करेंगे।
आस्था का महासंगम
महाकुंभ का वसंत पंचमी स्नान पर्व करोड़ों भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालु आस्था और विश्वास के साथ संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिए उमड़ रहे हैं। प्रशासन भी इस पवित्र अवसर को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में पूरी तरह तत्पर है।