लखीमपुर-खीरी: भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक अनूठी पहल शुरू की है। एसएसबी की 39वीं वाहिनी के जवानों को नेपाली भाषा का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे वे नेपाल से आने-जाने वाले लोगों से संवाद स्थापित कर सकेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रख पाएंगे।
नेपाली भाषा सीख रहे जवान
सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को नेपाली भाषा का ज्ञान देने के लिए बाकायदा कक्षाएं चलाई जा रही हैं। गदनियां मुख्यालय में कमांडेंट रविंद्र राजेश्वरी के निर्देशन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है। प्रत्येक बैच में 40 जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण उन्हें नेपाल से आने वाले नागरिकों से सुगमता से बातचीत करने में मदद करेगा।
सीमा सुरक्षा और तस्करी पर कड़ी नजर
खीरी जिले की नेपाल से खुली सीमा होने के कारण यहां प्रतिदिन हजारों लोग भारत-नेपाल के बीच यात्रा करते हैं। व्यापार, रोजगार और अन्य कार्यों के लिए लोग सीमा पार आते-जाते हैं। ऐसे में एसएसबी के जवान हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखते हैं ताकि किसी भी अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
मानव तस्करी रोकने की पहल
नेपाल से कई बार युवतियों को झांसा देकर भारत लाने की घटनाएं सामने आती हैं। एजेंट इन्हें नौकरी या अन्य लालच देकर भारतीय शहरों में भेजने की कोशिश करते हैं। इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जवानों को नेपाली भाषा सिखाई जा रही है, ताकि वे बिना दुभाषिए की मदद के सीधे पूछताछ कर सकें। इससे संदेहास्पद गतिविधियों की पहचान कर समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी।
जवानों को मिल रही खास ट्रेनिंग
एसएसबी के द्वितीय कमान अधिकारी सुरेश शर्मा ने बताया कि जवानों को नेपाली भाषा बोलने और समझने के विशेष टिप्स दिए जा रहे हैं। इस प्रशिक्षण के बाद जवानों के लिए सीमा पर गश्त और निगरानी करना आसान हो जाएगा। साथ ही नेपाल के नागरिकों और अधिकारियों से संवाद भी प्रभावी तरीके से हो सकेगा।
यह पहल न केवल सीमा की सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि मानव तस्करी जैसी गंभीर समस्या को रोकने में भी अहम भूमिका निभाएगी।