Lakhimpur Kheri: मेले में झूले से गिरी बच्ची, लोगों ने बचाई जान

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के रक्खेती गांव में आयोजित झोल्हू बाबा मेले में उस वक्त दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक झूले पर सवार छोटी बच्ची ऊंचाई से गिर गई। यह घटना मेले में मौजूद लोगों के लिए एक बड़ा हादसा बन सकती थी, लेकिन किस्मत और वहां मौजूद लोगों की सूझबूझ ने इसे टाल दिया।

कैसे हुआ हादसा?

घटना उस समय हुई जब झूले का आनंद ले रही बच्ची अचानक अपना संतुलन खो बैठी और झूले से नीचे गिरने लगी। गिरते समय बच्ची ने झूले के फ्रेम को मजबूती से पकड़ लिया, जिससे उसकी जान बच गई। यह नजारा देख मेले में मौजूद लोग सहम गए। बच्ची झूले के फ्रेम पर काफी देर तक लटकी रही, और लोग उसे बचाने की कोशिश करने लगे।

Lakhimpur Kheri
Lakhimpur Kheri

स्थानीय लोगों ने बचाई जान

झूले से लटकती बच्ची को बचाने के लिए स्थानीय लोग तुरंत हरकत में आ गए। उन्होंने संयम और साहस दिखाते हुए बच्ची को सुरक्षित नीचे उतार लिया। इस घटना के बाद बच्ची को प्राथमिक उपचार दिया गया और उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

वीडियो ने सोशल मीडिया पर मचाई हलचल

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोग इसे देखकर हैरान हैं और बच्ची के साहस और किस्मत की तारीफ कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि कैसे बच्ची ने गिरते समय झूले के फ्रेम को पकड़कर अपनी जान बचाई और स्थानीय लोगों ने उसे सुरक्षित बचाया।

सुरक्षा पर सवाल

यह घटना मेले में सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। झूले और अन्य राइड्स में सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं, यह बड़ा सवाल बन गया है। झूले पर सवार बच्चों और लोगों की सुरक्षा के लिए उचित उपायों की कमी से ऐसे हादसे होते हैं। स्थानीय प्रशासन और मेला आयोजकों को इस पर ध्यान देने की सख्त जरूरत है।

बचाव के लिए जागरूकता जरूरी

ऐसी घटनाओं से बचने के लिए माता-पिता और आयोजकों को सतर्क रहना चाहिए। झूले पर चढ़ते समय बच्चों को सही तरीके से बैठने और सावधानी बरतने की शिक्षा देनी चाहिए। इसके अलावा, आयोजकों को झूलों की समय-समय पर जांच करवानी चाहिए और सुरक्षा उपकरण सुनिश्चित करने चाहिए।

प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी

घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या मेले में सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था? झूले की तकनीकी जांच और मेंटेनेंस क्यों नहीं किया गया? यह प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि मेले में आने वाले लोग सुरक्षित रहें।

सामाजिक संदेश

इस घटना ने हमें सिखाया है कि किसी भी सार्वजनिक आयोजन में सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। ऐसे मेले और उत्सवों में, जहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं, सुरक्षा के उपायों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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