देश के नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार 9 जुलाई 2025 को, बैंक कर्मियों ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की शुरुआत की, जिसमें प्रदेशभर के साथ लखीमपुर खीरी भी शामिल था,इंडियन बैंक (पूर्व इलाहाबाद बैंक) के जोनल कार्यालय समेत अन्य सभी शाखाओं में ताला लटका दिए गए।
जिससे नकद निकासी, जमा, चेक क्लियरेंस जैसी सभी बैंकिंग सेवाएँ पूरी तरह ठप रहीं ,भारतीय बैंक एम्प्लॉइज़ फ़ेडरेशन और अन्य प्रमुख बैंक यूनियनों ने मिलकर करीब 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में यह आंदोलन चलाया जिसमें निजीकरण और श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ तीखी नाराज़गी थी।
निजीकरण-विरोधी प्रदर्शन एवं सरकार से ठोस मांगें
बैंक कर्मचारियों ने मुख्य रूप से “निजीकरण बंद करो”, “जन व श्रम-विरोधी नीतियों का विरोध किया, इसके साथ ही “सरकार मजदूरों को बंधुआ मजदूर ना बनाए” जैसे नारों के साथ सरकार के खिलाफ गहरी नाराज़गी जाहिर की बैंकर अनुराग पांडे ने कहा कि “सरकार ने सभी को बंधुआ मजदूर बनाने की योजना बना रखी है।
जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी” अतुल मेहरोत्रा ने अतिरिक्त मांगों में निजीकरण पर रोक, आउटसोर्सिंग बंदी, भर्ती की गारंटी, बकाया ऋण वसूली और सेवा शुल्क में कटौती शामिल होने का जिक्र किया। UFBU अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने “प्रतिगामी श्रम संहिताओं” के निषेध, ओपीएस बहाली और ट्रेड यूनियन अधिकारों की सुरक्षा की अपील की।
लखीमपुर खीरी में बैंककर्मी हड़ताल पर, बैंकिंग सेवाएं रहीं ठप
लखीमपुर खीरी में बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति के विरोध में कार्य बहिष्कार कर हड़ताल की। इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के लगभग सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए।ग्राहकों को नकद जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस जैसी सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई प्रमुख शाखाओं पर कर्मचारियों ने ताले जड़ दिए और पूरे दिन कामकाज ठप रहा।यह प्रदर्शन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के तहत चल रहे दो दिवसीय देशव्यापी आंदोलन का हिस्सा था।
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