Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी धौरहरा वनरेंज में बाघ का आतंक, 70 साल के किसान की मौत,खेत में मिला शव,इलाके में दहशत का माहौल

लखीमपुर खीरी के धौरहरा वनरेंज के मल्लबेहड़ गांव में एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें 70 साल के किसान को बाघ ने मार डाला। किसान का शव केले के खेत में पाया गया, जिससे इलाके में डर और दहशत फैल गई है,उसके शरीर पर गहरे जख्म थे। हालांकि वन अधिकारी ने तेंदुए का हमला बताया है।

लखीमपुर खीरी में बाघ ने 70 साल के किसान को मार डाला

मिली जानकारी के मुताबिक धौरहरा वनरेंज के गांव लखनपुरवा निवासी सोबरन लाल केवट (70 वर्ष) मंगलवार शाम मल्लबेहड़ गांव पास खेत में काम करने गए थे। वहीं खेत में बैठे बाघ ने उन पर अचानक हमला कर दिया और उन्हें मार डाला। जब ग्रामीणों ने खेत में उनका अधखाया शव देखा तो वन विभाग को सूचना दी।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। क्षेत्रीय वनाधिकारी नृपेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि तेंदुए के हमले से बुजुर्ग की मौत हुई है। पीड़ित परिवार को सहायता दी जाएगी।साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

धौरहरा वनरेंज में बाघ का हमलाः स्थानीय लोगों में भय का माहौल

यह एक बहुत ही दुखद और खौ़फनाक घटना है। बाघ के हमले के बाद मल्लबेहड़ गांव और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। स्थानीय अधिकारियों ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के लिए टीमों को तैनात किया है और बाघ की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है।

साथ ही, वन्यजीवों के साथ मनुष्य के संघर्ष को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।धौरहरा वनरेंज क्षेत्र में बाघ द्वारा किए गए इस हमले ने आसपास के गांवों में भय का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के हमले से सुरक्षा की स्थिति को लेकर उनकी चिंताएँ बढ़ गई हैं। अब लोग डर के साये में जीने को मजबूर है।

वन विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई और जांच की शुरुआत

घटना के बाद वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। बाघ की लोकेशन का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजी गई है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ के खतरे को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।

कृषि क्षेत्र और वन्यजीव संघर्ष का समाधान खोजने की आवश्यकता

यह घटना मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि वन्यजीवों के संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही, किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे बाघ या अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के उपायों को अपनाएं।

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संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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