छोटी काशी कॉरिडोर के निर्माण के लिए इन दिनों ध्वस्तीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। शनिवार को गोकर्ण तीर्थ क्षेत्र में नगर पालिका परिषद द्वारा 2001 में 20 लाख रुपये की लागत से बनी महादेव धर्मशाला को ढहा दिया गया। इसके साथ ही, धर्मशाला के सामने स्थित 5 लाख रुपये की लागत से बने महिला स्नानागार को भी ध्वस्त कर दिया गया।
बुलडोजर की कार्रवाई से मची हलचल
धर्मशाला और स्नानागार को गिराने के दौरान मंदिर क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल रहा। इससे पहले अंगद धर्मशाला, जिला पंचायत की 13 दुकानें, नगर पालिका की सात दुकानें और नेडा का सुलभ शौचालय भी ध्वस्त किया जा चुका है। अब स्टेशन रोड से तीर्थ क्षेत्र पूरी तरह उजाड़ और वीरान नजर आ रहा है।
प्राचीन स्नानागार पर बनी थी महादेव धर्मशाला
महादेव धर्मशाला जिस स्थान पर बनी थी, वहां पहले एक प्राचीन स्नानागार था। इसे जनानखाना के नाम से जाना जाता था। 90 के दशक में इस स्नानागार को हटाकर नगर पालिका ने 2001 में महादेव धर्मशाला का निर्माण कराया था। अब इस धर्मशाला को भी ध्वस्त कर दिया गया है।
मंदिर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है कार्रवाई
ध्वस्तीकरण का कार्य अब मंदिर की ओर बढ़ रहा है। छोटी काशी के इस प्राचीन क्षेत्र में बुलडोजर की गूंज से माहौल में बदलाव महसूस किया जा रहा है। स्थानीय लोग इस कार्रवाई से चिंतित हैं, जबकि प्रशासन इसे विकास के लिए जरूरी कदम बता रहा है।