गोला गोकर्णनाथ कॉरिडोर: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ, जिसे ‘छोटी काशी’ के नाम से भी जाना जाता है, में छोटी काशी कॉरिडोर परियोजना के तहत ध्वस्तीकरण कार्य तेजी से जारी है। इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाना है, लेकिन इसके चलते कई स्थानीय निवासियों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ रहा है।
गोला गोकर्णनाथ कॉरिडोर ध्वस्तीकरण कार्य की प्रगति
26 दिसंबर 2024 को प्रशासन ने मंदिर परिसर के आसपास के भवनों को हटाने के लिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रातभर जारी रखी। चार जेसीबी मशीनों की मदद से महादेवा धर्मशाला और बरेली धर्मशाला को ध्वस्त किया गया। तीर्थ परिसर में अब तक तीन धर्मशालाओं, 20 दुकानों, और अन्य भवनों को ध्वस्त किया जा चुका है, जिनमें अंगद धर्मशाला, महादेवा धर्मशाला, बरेली धर्मशाला, जिला पंचायत की 13 दुकानें, और नगर पालिका परिषद की सात दुकानें शामिल हैं।
ध्वस्तीकरण के बीच मंदिर परिसर में बनी एक मठिया भी क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नक्शे में जो भी भवन बाधा बनेगा, उसे हटाया जाएगा। साथ ही, अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी देते हुए कहा गया कि वे जनता को भ्रमित करने से बचें।
प्रभावित परिवारों के लिए विधायक का आश्वासन
छोटी काशी कॉरिडोर की जद में आने वाले परिवारों को विधायक अमन गिरि ने गोद ले लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी को बेघर नहीं होने दिया जाएगा और उनकी हर समस्या का समाधान उनके जिम्मे होगा। विधायक ने कहा कि आवास, शौचालय, बिजली, पानी समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जो भी कॉरिडोर की जद में आने से विस्थापित किया जाएगा, उसकी मदद के लिए वह हमेशा खड़े हैं।
प्रशासन की तैयारी और पुनर्वास योजना
प्रशासन ने ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित भवनों के स्वामियों से सहमति पत्र प्राप्त कर लिया है और उन्हें ध्वस्त करने की तैयारी कर ली गई है। कुछ मकान स्वामियों ने चिन्हिकरण के बाद अपने मकानों को स्वयं ही तोड़ना शुरू कर दिया है, ताकि दूसरी जगह मकान बनवाने पर उनके निर्माण सामग्री काम आ सके।
विधायक अमन गिरि ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों की हर समस्या का समाधान कराएंगे और उन्हें किसी भी कीमत पर बिना छत का नहीं होने दिया जाएगा।