Gola Gokarannath Corridor: गोला गोकर्णनाथ, जिसे ‘छोटी काशी’ के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहां के पौराणिक शिव मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने ‘छोटी काशी कॉरिडोर’ परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों का विकास करना है।
Gola Gokarannath Corridor परियोजना का उद्देश्य और महत्व
छोटी काशी कॉरिडोर परियोजना का मुख्य उद्देश्य मंदिर परिसर को विस्तारित करना, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक मार्गों का निर्माण करना और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना है। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी संरक्षित किया जा सकेगा।
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया और प्रशासन की भूमिका
परियोजना के तहत, मंदिर परिसर के आसपास स्थित कई दुकानों और मकानों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। शनिवार को जिला पंचायत की 13 दुकानों को ध्वस्त किया गया, जबकि रविवार को मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। एसडीएम विनोद गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया नहीं रुकेगी और कॉरिडोर का नक्शा सार्वजनिक कर दिया गया है।
व्यापारियों और निवासियों की चिंताएं
स्थानीय व्यापारी और निवासी ध्वस्तीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन की कार्रवाई में पक्षपात हो रहा है और प्रभावशाली लोगों के प्रति नरमी बरती जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि निर्माण की जद में आने के बावजूद कुछ दुकानों को नहीं तोड़ा जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।
नगर पालिका की भूमिका और चुनौतियां
नगर पालिका की दुकानों का ध्वस्तीकरण भी आगामी दिनों में होने की संभावना है। हालांकि, नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ने मानवीय आधार पर दुकानदारों को समय बढ़ाने की बात कही है। इससे ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में देरी हो सकती है। वहीं, सभासदों के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं; कुछ सभासद व्यापारियों के साथ हैं, जबकि अध्यक्ष प्रशासनिक कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री का संभावित दौरा और परियोजना की गति
सूत्रों के अनुसार, जनवरी 2025 के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोला गोकर्णनाथ का दौरा कर सकते हैं और कॉरिडोर की आधारशिला रख सकते हैं। इस संभावित दौरे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ध्वस्तीकरण और निर्माण कार्य में तेजी ला रहा है। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने तहसील प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पौराणिक शिव मंदिर परिसर से अतिक्रमण शीघ्र हटाया जाए, ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए।
निष्कर्ष
गोला गोकर्णनाथ में शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण परियोजना स्थानीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे प्रभावित हो रहे व्यापारियों और निवासियों की चिंताओं को दूर करना भी आवश्यक है। प्रशासन को चाहिए कि वह सभी संबंधित पक्षों के साथ संवाद स्थापित करे और उनकी समस्याओं का समाधान निकाले, ताकि विकास कार्य सुगम और समावेशी हो सके।