Gola Gokarannath News: लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ में “छोटी काशी कॉरिडोर” के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है। सोमवार को इस परियोजना के तहत प्रशासन ने मालियों की दुकानों को हटाया। यह ध्वस्तीकरण कार्य तीसरे दिन भी जारी रहा और अब शिव मंदिर जाने के रास्ते पर लगे टिन शेड्स को भी हटाया जा रहा है। इस कदम से शिव मंदिर जाने वाले भक्तों को अब एक ही मार्ग से आना-जाना होगा, जिससे यातायात की सुविधा बढ़ेगी।
माली दुकानदारों को मिलेगी नई जगह
यह कदम विवाद का कारण भी बना, क्योंकि दशकों से फूलों की दुकानें चला रहे मालियों को अब अपनी जगह छोड़नी पड़ रही है। हालांकि, नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ने आश्वासन दिया कि इन दुकानदारों को शिव मंदिर के पास नए स्थान पर जगह दी जाएगी। उनका कहना था कि बिना फूलों के मंदिर में पूजा संभव नहीं है, इसलिए प्रशासन उनकी व्यवस्था करेगा।
सड़क चौड़ीकरण का महत्व
यह परियोजना गोला गोकर्णनाथ क्षेत्र को और भी विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य शिव मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते को चौड़ा करना और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना है। इसके लिए सड़क के किनारे स्थित दुकानों को हटाना जरूरी था ताकि अधिक स्थान मिल सके और भक्तों को कोई परेशानी न हो।
नगर पालिका दुकानों पर ध्यान
इसके साथ ही प्रशासन ने नगर पालिका की 13 दुकानों और जिला पंचायत की दुकानों को भी चिन्हित कर हटाया है। हालांकि, नगर पालिका परिषद की सात दुकानों के शटर अभी भी बंद हैं, और इन पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की गई है। यह माना जा रहा है कि इन दुकानों के मालिकों को और समय दिया जा सकता है।
शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण की योजनाएँ
छोटी काशी कॉरिडोर के निर्माण के लिए प्रशासन ने 70 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। इस योजना में मंदिर के पास पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिसमें लाइट एंड साउंड सिस्टम, ऑक्सीडेशन प्लांट, बाउंड्री वॉल, सीसीटीवी कैमरे और शौचालय जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, वहां आने वाले यात्रियों के लिए यात्री हॉल और कैंटीन का निर्माण भी किया जाएगा।
क्या है अगला कदम?
अगले चरण में प्रशासन को और दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए कदम उठाने होंगे। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से गोला गोकर्णनाथ में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। साथ ही, यह कदम स्थानीय व्यापारियों और माली दुकानदारों के लिए नई चुनौतियाँ भी पेश करेगा। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि वे सभी प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास की योजना बना रहे हैं।