गोला गोकर्णनाथ में कॉरिडोर निर्माण: दुकानों और मकानों का ध्वस्तीकरण जारी, प्रशासन सख्त
Gola Gokaran Nath News: गोला गोकर्णनाथ, जिसे ‘छोटी काशी’ के नाम से जाना जाता है, में पौराणिक शिव मंदिर के आसपास कॉरिडोर निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। इस परियोजना के तहत कई दुकानों और मकानों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है, जिससे स्थानीय व्यापारी और निवासी प्रभावित हो रहे हैं।
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया और प्रशासन की भूमिका
प्रशासन ने कॉरिडोर निर्माण के लिए आवश्यक भूमि खाली कराने हेतु ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है। शनिवार को जिला पंचायत की 13 दुकानों को ध्वस्त किया गया, जबकि रविवार को मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। एसडीएम विनोद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी और कॉरिडोर का नक्शा सार्वजनिक कर दिया गया है।
व्यापारियों और निवासियों की चिंताएं
स्थानीय व्यापारी और निवासी ध्वस्तीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन की कार्रवाई में पक्षपात हो रहा है और प्रभावशाली लोगों के प्रति नरमी बरती जा रही है। कई दुकानदारों का कहना है कि कुछ दुकानों को बचाया जा रहा है, जबकि अन्य को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।
नगर पालिका की भूमिका और चुनौतियां
नगर पालिका की दुकानों का ध्वस्तीकरण भी आगामी दिनों में संभावित है। नगर पालिका अध्यक्ष विजय शुक्ला ने मानवीय आधार पर दुकानदारों को समय बढ़ाने का सुझाव दिया है। हालांकि, इससे प्रक्रिया में देरी हो सकती है। सभासदों के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं; कुछ व्यापारियों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य प्रशासन के साथ खड़े हैं।
मुख्यमंत्री का संभावित दौरा और परियोजना की प्रगति
सूत्रों के मुताबिक, जनवरी 2025 के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोला गोकर्णनाथ का दौरा कर सकते हैं और कॉरिडोर की आधारशिला रख सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ध्वस्तीकरण और निर्माण कार्य में तेजी ला रहा है। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने तहसील प्रशासन को निर्देश दिया है कि शिव मंदिर परिसर से अतिक्रमण जल्द से जल्द हटाया जाए ताकि निर्माण में कोई बाधा न हो।
निष्कर्ष
शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण परियोजना स्थानीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे प्रभावित हो रहे व्यापारियों और निवासियों की चिंताओं का समाधान करना भी उतना ही जरूरी है। प्रशासन को सभी पक्षों के साथ संवाद स्थापित कर समाधान निकालना चाहिए ताकि विकास कार्य सुगम और समावेशी हो सके।