Lakhimpur Kheri News: नेपाली हाथियों के खौफ से 42 गांवों में दहशत

लखीमपुर (महेशपुर): दक्षिण खीरी के महेशपुर वन रेंज में नेपाली हाथियों के झुंड ने पिछले 10 दिनों से आतंक मचा रखा है। हाथियों के खौफ के कारण 42 गांवों के लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए दिन-रात सतर्क हैं और जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं। वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है, लेकिन अब तक हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने में कामयाबी नहीं मिल पाई है।

गांवों में डर का माहौल

महेशपुर वन रेंज के अधिकारियों ने बताया कि यह झुंड नेपाल के चंपारण जंगल से आया है। यह हाथी अक्सर भोजन की तलाश में मानव बस्तियों की ओर बढ़ जाते हैं और फसलों को नष्ट कर देते हैं। इस बार हाथियों ने कई घरों में तोड़फोड़ की और खेतों को नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीणों ने अपने खेतों की रखवाली करना बंद कर दिया है क्योंकि खतरा बढ़ता जा रहा है।

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वन विभाग की सतर्कता और गश्त

हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग की टीमें दिन-रात गश्त कर रही हैं। महेशपुर रेंज के प्रभारी ने बताया कि ग्रामीणों को सतर्क रहने और हाथियों से दूर रहने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें और वन विभाग को तुरंत सूचित करें।

वन विभाग ने हाथियों के खौफ को कम करने के लिए गांवों में सायरन और अन्य उपकरणों का उपयोग शुरू किया है ताकि झुंड को वापस जंगल की ओर खदेड़ा जा सके।

हाथियों के डर से मेलों का स्थगन

ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कई सांस्कृतिक और धार्मिक मेलों को हाथियों के डर के चलते स्थगित करना पड़ा है। महेशपुर में हर साल होने वाला वार्षिक मेला इस बार रद्द कर दिया गया है। आयोजन समिति के सदस्य ने बताया कि हाथियों की मौजूदगी के कारण लोगों में भय का माहौल है और यह निर्णय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

ग्रामीणों के सामने चुनौतियां

ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों के कारण कई समस्याएं सामने आई हैं:

  1. फसल का नुकसान: किसान अपनी फसलों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं।
  2. जीवन का खतरा: लोगों की जान को खतरा बना हुआ है, खासकर रात के समय।
  3. आर्थिक नुकसान: घरों और फसलों को हुए नुकसान से ग्रामीणों को भारी आर्थिक झटका लगा है।
  4. यात्रा पर रोक: रात के समय गांवों के अंदर और बाहर यात्रा करना लगभग असंभव हो गया है।

गुडुरिया गांव में तेंदुए का आतंक

इस क्षेत्र में सिर्फ हाथी ही नहीं बल्कि तेंदुआ भी दहशत फैला रहा है। गुडुरिया गांव के पास तेंदुए को घूमते हुए देखा गया, जिससे ग्रामीणों में और अधिक डर फैल गया है। वन विभाग ने बताया कि तेंदुए की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।

वन्यजीव संघर्ष का बढ़ता प्रभाव

यह घटना मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष का एक और उदाहरण है। जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण वन्यजीव मानव बस्तियों की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने सरकार और वन विभाग से अपील की है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।

समाधान के लिए सुझाव

  1. जंगल में भोजन-पानी का प्रबंध: हाथियों को मानव बस्तियों से दूर रखने के लिए जंगलों में पर्याप्त भोजन और पानी का इंतजाम किया जाए।
  2. ग्रामीणों को सुरक्षा उपकरण: गांवों में हाथियों को भगाने के लिए सायरन और अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
  3. स्थायी समाधान: मानव और वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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