Lakhimpur Kheri News: कोरोना को लेकर अलर्ट,फरधान और मोहम्मदी सीएचसी में निष्क्रिय ऑक्सीजन प्लांट

लखीमपुर खीरी जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर चिंता जताई जा रही है। हालांकि जिले में कई ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं।

लेकिन फरधान और मोहम्मदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में ऑक्सीजन प्लांट निष्क्रिय पड़े मिले।दोनों ही जगह ऑक्सीजन सिलिंडर से काम चलाया जा रहा है। वहीं जिला व महिला अस्पताल में प्लांट चालू हालत में मिले।

फरधान और मोहम्मदी CHC में ऑक्सीजन प्लांट निष्क्रिय

ऑक्सीजन प्लांट को लेकर रविवार को जाच पड़ताल की गई, तो जिला अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट चालू मिला। इससे मरीजों को सप्लाई दी जा रही थी। वहीं महिला अस्पताल में लगा प्लांट भी चालू मिला। मिली जानकारी के अनुसार जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जनप्रतिनिधियों के प्रयास से जिले में 10 ऑक्सीजन प्लांट प्रस्तावित किए गए थे।

इनमें छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, एक जिला चिकित्सालय, एक जिला महिला चिकित्सालय के अलावा 200 बेड एमसीएच हॉस्पिटल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में प्लांट लगने थे। बताया जा रहा है कि जिला महिला अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता एक हजार लीटर पर मिनट है।

फरधान सीएचसी में दो साल से खराब पड़ा है प्लांट

इसके साथ ही आपकों बता दें कि फरधान सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट 40 लाख की लागत से 2021 में बनाया गया था। ऑक्सीजन प्लांट बनने स्वास्थ्य मंत्री ने आकर उद्घाटन किया था।

हालांकि यह प्लांट करीब दो साल से बंद पड़ा है। बताया जा रहा है कि प्लांट की वायरिंग फुंक गई है। दो साल से वायरिंग फुंकने के बाद से प्लांट वैसे का वैसा ही पड़ा हुआ है। किसी ने इसे बनवाने की जहमत नहीं उठाई।

चिकित्सकों के अनुसार

मिली जानकारी के अनुसार गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को जैसे-तैसे बाहर से रिफिल कराने के बाद सिलिंडर से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती है। बताया जा रहा हैं कि बनने के बाद से यह प्लांट अब तक तीन बार खराब हो चुका है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अमित बाजपेयी ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट दो साल से से खराब पड़ा हुआ है।

दो साल से प्लांट की पूरी वायरिंग फुंकी हुई है। इसको सही करने के लिए करीब साढ़े तीन लाख का एस्टीमेट बना है। अधिकारियों को सूचना दी गई है, परन्तु अभी तक इसे सही नहीं कराया गया है। जरुरतमंद मरीजों को सिलिंडर से ऑक्सीजन दी जाती है।

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संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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