सांपों को बचाने का जुनून: घायल सांपों का इलाज कर बदल रहे हैं लोगों की सोच
Lakhimpur Kheri News: फूलबेहड़ ब्लॉक के मुकुंदा गांव के युवा कुंज बिहारी की कहानी सांपों के प्रति उनके अनोखे जुनून और सेवा भावना को दर्शाती है। कुंज बिहारी अपनी जान की परवाह किए बिना जहरीले और घायल सांपों का इलाज करते हैं। यदि सांप अधिक घायल होता है, तो वह उसे पशु चिकित्सालय तक लेकर जाते हैं। उनकी इस पहल ने सांपों के प्रति लोगों की सोच बदलने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
घायल सांपों को बचाने का जुनून
कुंज बिहारी बताते हैं कि सूचना मिलने पर वह किसी भी घायल जानवर की देखरेख करते हैं, लेकिन सांपों को बचाने में उनकी खास रुचि है। वह खुद को ‘सर्प मित्र’ कहते हैं और सांपों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं।
पशु चिकित्सालय ले जाकर कराया इलाज
रविवार को उनके गांव के पास एक सड़क किनारे उन्हें एक सांप घायल अवस्था में मिला। सांप की पीठ से खून बह रहा था। कुंज बिहारी ने उसे सावधानीपूर्वक एक पुरानी पैंट में रखा और घर लाकर उसकी प्राथमिक चिकित्सा की। जब सांप को चलने में दिक्कत हुई, तो वह अपने मित्र के साथ लखीमपुर जिला पशु चिकित्सालय पहुंचे।
इलाज के दौरान जुटी भीड़
जिला पशु चिकित्सालय में मौजूद वेटरनरी फार्मासिस्ट वीरेंद्र वर्मा ने सांप का इलाज किया। उन्होंने बताया कि सांप की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। घाव पर टांके लगाए गए और इंजेक्शन भी लगाया गया। वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि यह सांप ‘घोड़ा पछाड़’ प्रजाति का है, जिसकी लंबाई 12 से 15 फीट तक होती है। इस प्रजाति के सांप की खासियत यह है कि यह घोड़े से भी तेज दौड़ सकता है।
सांपों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
कुंज बिहारी का कहना है कि घायल सांपों की मदद करके वह लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि सांप भी हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी यह पहल सांपों के प्रति डर और भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश कर रही है।