लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ क्षेत्र में शिव मंदिर कॉरिडोर के निर्माण के लिए ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण कर उन निर्माणों को चिन्हित किया है, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा। अगले सप्ताह से इस कार्रवाई की शुरुआत होने की उम्मीद है।
भूमि अधिग्रहण और ध्वस्तीकरण
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राजस्व विभाग ने 19,418.992 वर्ग मीटर नजूल भूमि पर्यटन विभाग को स्थानांतरित कर दी है। इसके अलावा, स्टेशन रोड स्थित निजी भूखंड पर बने अंगद धर्मशाला का भी बैनामा पर्यटन विभाग को कर दिया गया है। भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
स्थलीय निरीक्षण और चिन्हित निर्माण
मंगलवार को एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता, तहसीलदार सुखबीर सिंह, सीओ गवेंद्र गौतम, नायब तहसीलदार सर्वेश यादव और अन्य अधिकारी एवं टीम ने मिलकर स्थलीय निरीक्षण किया और उन निर्माणों को चिन्हित किया, जिन्हें ध्वस्त किया जाएगा। इन निर्माणों में नगर पालिका परिषद के सात, जिला पंचायत की 13 दुकानों और सुलभ शौचालय सहित करीब दो दर्जन निर्माण शामिल हैं।
शिव मंदिर और कॉरिडोर की स्थिति
शिव मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 5000 वर्ग मीटर है और यह रेलवे स्टेशन से 390 मीटर की दूरी पर स्थित है। गोकर्ण तीर्थ का क्षेत्रफल 5300 वर्ग मीटर है और यह अष्टकोणीय आकार में है। इस क्षेत्र में जल भरा जाता है और इसके मध्य में प्राचीन कुआं और विशालकाय शिव मूर्ति स्थित है।
कॉरिडोर निर्माण की विशेषताएं
प्रस्तावित शिव मंदिर कॉरिडोर में लाइट एंड साउंड शो, ऑक्सीडेशन प्लांट के जरिए तीर्थ के जल को शुद्ध करना, बाउंड्रीवॉल, फसाड लाइट, स्टोन पाथवे, यात्री हाल, सीसीटीवी कैमरे से लैस कंट्रोल रूम, शौचालय और स्ट्रीट लाइट्स जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, स्टेशन रोड से कॉरिडोर का प्रवेश मार्ग बनाया जाएगा।
पारंपरिक दुकानों और स्थानीय कारोबार
शिव मंदिर परिसर में पीढ़ियों से चल रहे व्यापार के कारण यहां करीब 350 दुकानें हैं, जो पूजा सामग्री, प्रसाद, गिफ्ट आइटम, और जूते-चप्पल बेचती हैं। इसके अलावा, गोकर्ण तीर्थ के तट पर पंडा और पुरोहितों के घाट भी हैं। इन दुकानों और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में कुछ उदासी का माहौल है।
एसडीएम का बयान
एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता ने कहा, “ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अब शुरू हो गई है। हमने स्थलीय निरीक्षण किया और चिन्हित निर्माणों को चिन्हित किया है। अगले सप्ताह से ध्वस्तीकरण कार्य शुरू होगा।”
निष्कर्ष
शिव मंदिर कॉरिडोर का निर्माण क्षेत्र के पर्यटन और विकास के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों और दुकानदारों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। समय के साथ यह परियोजना क्षेत्र के सौंदर्यकरण और विकास में एक नया अध्याय जोड़ने का काम करेगी।