गोला गोकर्णनाथ। अगर देखा जाए तो पवित्र सावन माह आज से शुरू हो रहा है। जिले में छोटी काशी के नाम से विख्यात गोला शहर का विशेष धार्मिक महत्व है। भले ही प्रशासन मुकम्मल तैयारी का दावा कर रहा है, परन्तु यहा दिक्कतें अभी भी पूरी तरह से बरकरार हैं।
सावन 2025 में ‘छोटी काशी’ की विशेष तैयारियां
गोला गोकर्णनाथ पहुँचने के लिए प्रशासन द्वारा हाल ही में प्रमुख सात मार्ग (रूट्स) तैयार किए गए हैं, खासकर धार्मिक आयोजनों और बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए। ये रूट्स यातायात सुगमता और भीड़ नियंत्रण के लिए हैं।इसके साथ ही इस बार निर्माणाधीन कॉरिडोर में सावन मेला हो रहा है। शिव मंदिर के पुराने मुख्य मार्ग को सावन के प्रत्येक सोमवार एवं विशेष तिथियों पर बंद रखने की योजना तय की गई है।
इससे इस मार्ग के सैकड़ों दुकानदार मायूस हैं। गोकर्ण तीर्थ को चारों ओर टिन की चादर की बाड़ लगा दी गई है। शिव मंदिर की ओर बाड़ के पीछे ऊबड़-खाबड़ सीढि़यों को ठीक करके पंडा-पुरोहितों ने अपने घाट बना तो लिए हैं, लेकिन उनका कहना है कि प्रशासन ने तीर्थ पर आने के लिए कोई निश्चित मार्ग नहीं छोड़ा है।
श्रद्धालुओं के लिए तय किए गए सात वैकल्पिक मार्ग
सावन में बढ़ती भीड़ और शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण के चलते पारंपरिक रास्तों को परिवर्तित किया गया है। गोला पहुंचने के लिए प्रशासन ने सात वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं।
बहराइच – सिसैया – लखीमपुर – मनिकापुर तिराहा – फरधान – गोलाखीरी टाउन – राजापुर चौराहा – मनिकापुर तिराहा – फरधान – गोलालखनऊ – सीतापुर – हर्गांव – एलआरपी चौराहा – मनिकापुर तिराहा – फरधान – गोलाफूलबेहड़ – शारदानगर – महेवागंज – संधरी – लालपुर बैरियर – मनिकापुर तिराहा – फरधान – गोलाशाहजहांपुर – मोहम्मदी – हैदराबाद – गोलापीलीभीत – खुटार – गोलापलिया – भीरा – बिजुआ – अलीगंज – गोलाअतिरिक्त: मैलानी – खुटार – गोला मार्ग भी यातायात के लिए तैयार किया गया है।प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन, शिव भक्तों की सुविधा, और सुगम यातायात के लिए इन मार्गों पर विशेष व्यवस्थाएं लागू की हैं।
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के कड़े प्रबंध
शहर को छह सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा तैनात की गई है। महिला, पुरुष, कांवड़िया और डाक कांवड़ियों के लिए अलग-अलग मार्ग और बैरिकेडिंग की गई है। ट्रैफिक नियंत्रण के लिए ड्रोन से निगरानी और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।इसके साथ ही प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्गों का पालन करें, ट्रैफिक नियमों का सम्मान करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें जिससे कि दर्शन यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे।
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