रामापुर में 14 साल पुराने लूटपाट के मामले में न्यायालय ने अहम फैसला सुनाया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) अभिषेक श्रीवास्तव ने शनिवार को दो दोषियों को 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 12-12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
क्या था मामला?
22 अप्रैल 2010 की रात रामापुर में बशीर खान के घर पर कुछ बदमाशों ने हमला किया। बदमाश घर में घुसकर लूटपाट करने लगे। शोर सुनकर घर के लोग जाग गए। उन्होंने बदमाश सागर उर्फ कालिया को पकड़ लिया। खुद को छुड़ाने के लिए सागर ने चाकू से हमला कर बशीर खान और उनके बेटे आफाक उर्फ गुड्डू को घायल कर दिया।
सागर को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने उसके साथी युसूफ पुत्र अल्ताफ को भी धर दबोचा।
सुनवाई और फैसला
मामले की सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने बशीर खान, आफाक उर्फ गुड्डू, हेड कांस्टेबल रविंद्र सिंह, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और एसआई लालता प्रसाद साहू के बयान अदालत में पेश किए।
लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद, अदालत ने सागर और युसूफ को दोषी ठहराया। दोनों को 5 साल के कठोर कारावास और 12-12 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
जुर्माने का प्रावधान
अदालत ने निर्देश दिया है कि जुर्माने की राशि का 80% हिस्सा पीड़ित परिवार को दिया जाएगा। यह धनराशि उनकी चोटों और नुकसान की भरपाई के लिए इस्तेमाल होगी।
न्यायालय का संदेश
इस सजा से यह संदेश मिलता है कि अपराधी चाहे जितना भी समय बचने की कोशिश करें, कानून अपना काम जरूर करता है।
न्याय की यह प्रक्रिया समाज में अपराध रोकने के लिए एक मिसाल बनेगी।