खाद की जमाखोरी और नकली खाद बेचने की शिकायतों पर शनिवार को कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। जिले भर में 52 दुकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान 12 दुकानों को नोटिस जारी किया गया और एक प्रतिष्ठान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
छापेमारी की मुख्य बातें
- टीमों का गठन:
जिलाधिकारी ने छापेमारी के लिए पांच टीमें बनाईं।
- उपकृषि निदेशक अरविंद मोहन मिश्रा और पशु चिकित्सा अधिकारी ने निघासन क्षेत्र में कार्रवाई की।
- जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी और जिला उद्यान अधिकारी की टीम ने मितौली और मोहम्मदी में जांच की।
- जिला कृषि रक्षा अधिकारी निखिल देव तिवारी और एआर कोऑपरेटिव की टीम ने सदर तहसील में छापे मारे।
- भूमि संरक्षण अधिकारी सुभाष चंद्र और गन्ना अधिकारी की टीम ने गोला और पलिया का निरीक्षण किया।
- अपर जिला कृषि अधिकारी डॉ. सत्यवीर और सहकारी अधिकारी ने धौरहरा क्षेत्र में कार्रवाई की।
- जांच के दौरान मिली खामियां:
टीमों ने 52 दुकानों पर जांच कर 14 नमूने परीक्षण के लिए भेजे। कुछ दुकानदार दस्तावेज नहीं दिखा सके। कई दुकानदार कार्रवाई के डर से अपनी दुकानें बंद कर भाग गए।
लाइसेंस निलंबित और आगे की जांच
मोहम्मदी स्थित नूर फर्टीलाइजर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी ने बताया कि दुकान के दस्तावेजों में गड़बड़ी और अन्य नियमों के उल्लंघन के कारण यह कदम उठाया गया। अब मामले की गहराई से जांच की जाएगी।
जिम्मेदार अधिकारियों का बयान
जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नकली खाद और जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी विक्रेताओं को नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
निष्कर्ष:
यह कार्रवाई कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और किसानों को गुणवत्ता युक्त खाद उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम है। प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है, जिससे जमाखोरी और नकली उत्पादों पर लगाम लगाई जा सके।