लखीमपुर खीरी: अपने शहर लखीमपुर खीरी जिले में पहली बार ‘Lakhimpur Mahotsav 2024’ का आयोजन बड़े उत्साह और सफलता के साथ किया गया। यह आयोजन 25 नवंबर से 28 नवंबर 2024 तक जिले के पांच प्रमुख स्थलों – दुधवा, लखीमपुर, कोटवारा, गोला, और मेंढक मंदिर ओयल में आयोजित किया गया। इस महोत्सव ने जिले की सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियों को एक नई दिशा दी।
Lakhimpur Mahotsav 2024 का उद्देश्य
लखीमपुर महोत्सव का उद्देश्य स्थानीय संस्कृति, कला, और पर्यटन को बढ़ावा देना था। यह आयोजन न केवल जिले के लोगों के लिए मनोरंजन का जरिया बना, बल्कि बाहरी पर्यटकों को भी आकर्षित करने में सफल रहा। इस महोत्सव ने स्थानीय धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को एक मंच पर लाने का काम किया।
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की अभिनव सोच
इस महोत्सव की योजना और आयोजन की कमान जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के हाथों में थी। उनकी पहल पर महोत्सव को भव्य और व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया गया।
- उन्होंने आयोजन की तैयारी के लिए अलग-अलग समितियां बनाई।
- समितियों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रचार-प्रसार, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, और स्टॉल आवंटन जैसी जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
- डीएम ने यह सुनिश्चित किया कि आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां समय पर पूरी हों।
समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम
महोत्सव के दौरान हर दिन अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए:
- 25 नवंबर को महोत्सव का उद्घाटन दुधवा टाइगर रिजर्व में हुआ।
- शाम को लखीमपुर के जीआईसी ग्राउंड में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।
- 26 नवंबर को कोटवारा में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- 27 नवंबर को गोला के राजेंद्र गिरी स्टेडियम में स्थानीय कला और संगीत का प्रदर्शन हुआ।
- 28 नवंबर को मेंढक मंदिर ओयल में महोत्सव का समापन भव्य तरीके से किया गया।
स्थानीय संस्कृति और कला का उत्सव
इस महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं।
- लोक नृत्य और संगीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
- स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजन की प्रदर्शनी ने महोत्सव में चार चांद लगा दिए।
- पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्टॉल लगाए गए, जहां क्षेत्रीय उत्पादों और स्थानीय व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया।
महोत्सव की सफलता की कहानी
लखीमपुर महोत्सव 2024 ने न केवल जिले की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया, बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा दिया।
- इस आयोजन ने स्थानीय कारीगरों और कलाकारों को एक मंच प्रदान किया।
- बाहरी पर्यटकों की बड़ी संख्या ने महोत्सव की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया।
भविष्य के लिए प्रेरणा
‘लखीमपुर महोत्सव 2024’ की सफलता यह साबित करती है कि सांस्कृतिक और पर्यटन गतिविधियां किसी जिले के विकास में कितना अहम योगदान दे सकती हैं। ऐसे आयोजन भविष्य में जिले की पहचान और भी मजबूत करेंगे और स्थानीय लोगों को प्रोत्साहन देंगे।
लखीमपुर महोत्सव जिले के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, जो आने वाले वर्षों में एक मिसाल बन सकता है।