प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुए हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस के अनुसार, यह भगदड़ रात करीब 1 से 2 बजे के बीच हुई, जब भारी भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। इससे कई लोग दब गए और हादसे का शिकार हो गए।
कैसे हुई घटना?
मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान अचानक अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कई लोग दबकर गिर गए। सुरक्षाकर्मियों ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भारी भीड़ के कारण भगदड़ को रोकना मुश्किल हो गया।
सरकारी प्रतिक्रिया और संवेदनाएं
यूपी सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई अन्य नेताओं ने शोक जताया है। विपक्षी दलों ने भी पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
अखाड़ों का स्नान फिर शुरू
भगदड़ के कारण कुछ समय के लिए ‘अमृत स्नान’ रोक दिया गया था। हालांकि, दोपहर 2:30 बजे से फिर से स्नान प्रक्रिया शुरू हुई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रविंद्र पुरी के नेतृत्व में यह अनुष्ठान संपन्न हुआ। हालांकि, इस बार यह परंपरागत स्नान काफी साधारण तरीके से किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि हादसा अखाड़ा मार्ग पर हुआ, जब कुछ लोग बैरिकेड्स पार करने की कोशिश कर रहे थे।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटनास्थल पर पुलिस और बचाव दल ने तत्काल मोर्चा संभाला। घायलों को स्ट्रेचर पर अस्पताल पहुंचाया गया। कई श्रद्धालुओं का इलाज जारी है। मौके पर बिछी चादरें, बैग और अन्य सामान बिखरा हुआ नजर आया।
सरकार ने इस हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। उम्मीद है कि जांच के बाद हादसे के असली कारणों का पता चलेगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।