त्रिवेणी संगम पर आस्था की बाढ़
प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर माघी पूर्णिमा स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालु एकत्रित हो रहे हैं। आस्था से सराबोर यह दृश्य श्रद्धालुओं की भक्ति और विश्वास का प्रतीक है। माघी पूर्णिमा पर स्नान का सिलसिला कल शाम से ही शुरू हो चुका है और अब तक 73 लाख से अधिक लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं को माघी पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी हैं और सुबह 4 बजे से स्नान व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। डीआईजी वैभव कृष्ण के अनुसार, पार्किंग और ट्रैफिक डायवर्जन सहित सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं।
रेलवे सेवाओं में बदलाव
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं और कुछ ट्रेनों को रद्द भी किया है।
रद्द की गई ट्रेनें | रद्द तिथि |
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12397 गया-नई दिल्ली महाबोधि एक्सप्रेस | 12 फरवरी |
12367 भागलपुर-नई दिल्ली | 12 फरवरी |
22466 आनंद विहार-मधुपुर हमसफर | 12 फरवरी |
12398 नई दिल्ली-गया | 12 फरवरी |
22465 मधुपुर-आनंद विहार हमसफर | 13 फरवरी |
12368 नई दिल्ली-भागलपुर | 13 फरवरी |
कुछ ट्रेनों के रूट में भी बदलाव किया गया है, जैसे सीमांचल और महानंदा एक्सप्रेस को अब कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-बाराबंकी-गोरखपुर के रास्ते चलाया जा रहा है।
लापता और घायलों के लिए टोल फ्री नंबर
मेले में लापता या घायल व्यक्तियों की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 15100 और मोबाइल नंबर 9532671570 पर संपर्क किया जा सकता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विशेष सहायता केंद्र भी स्थापित किए हैं।
कल्पवास का समापन
माघी पूर्णिमा के साथ ही संगम की रेती पर एक महीने से चल रहा कल्पवास भी समाप्त हो जाएगा। कल्पवासी और संत अब विदाई की तैयारी में हैं।
माघी पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म में माघी पूर्णिमा का विशेष स्थान है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य, और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिससे माघी पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है।
विशेष बातें:
- अब तक 46 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं पावन स्नान।
- प्रशासन द्वारा सुरक्षा और व्यवस्थाएं सख्त निगरानी में।
- आस्था और श्रद्धा का भव्य संगम, महाकुंभ 2025।