उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए एक लाभकारी योजना की शुरुआत की गई है, जिसका नाम मुख्यमंत्री सुपोषण योजना है,कुपोषण से लड़ रहे बच्चों के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के तहत विशेष रूप से 3 से 6 वर्ष के बच्चों और 11 से 14 वर्ष की आयु की एनीमिया से ग्रस्त बालिकाओं को पोषक तत्वों से भरपूर आहार प्रदान किया जाता है।
इस योजना के तहत बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और कुपोषण की समस्या में कमी आती है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संबंधित विभाग कुपोषित बच्चों का डाटा तैयार करता है और फिर उन्हें योजना का लाभ प्रदान करता है।
इसके योजना के तहत उत्तर प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सुपोषण योजना
उत्तर प्रदेश सरकार व राज्य सरकार द्वारा बच्चों को कुपोषण की समस्या से निपटने और बच्चों के बेहतर पोषण के लिए यह योजना एक नई पहल की है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कुपोषण से प्रभावित बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की हैं।
इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में टेक होम राशन की इकाइयों की स्थापना के आदेश भी दिए गए हैं।इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत कुपोषण से प्रभावित बच्चों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत 3 से 6 वर्ष तक के पंजीकृत बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रातःकालीन पौष्टिक नाश्ता उपलब्ध कराया जाता है,इस योजना का लाभ केवल पात्र बच्चों को ही प्रदान किया जाता है।
Mukhyamantri Suposhan Yojana के लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है, इस योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ निम्नलिखित प्रकार है।
- प्रत्येक बच्चे को रोज़ाना ₹44 की लागत से 400 कैलोरी और 15-20 ग्राम प्रोटीन युक्त नाश्ता प्रदान किया जाएगा। इसमें फ्लेवर्ड मिल्क, केला, मौसमी फल और विशेष रूप से तैयार की गई मिलेट चिकी न्यूट्रीबार शामिल हैं।
- लगभग 11 लाख बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
- यह योजना “टेक-होम राशन” मॉडल पर आधारित है, जिससे बच्चों को घर पर ही पोषण मिल सके
Mukhyamantri Suposhan Yojana की पात्रता मानदंड
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की पात्रता मानदंड निम्नलिखित प्रकार है।
- 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे।
- उत्तर प्रदेश के चयनित 8 आकांक्षात्मक जिलों के आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चे।
- 11 से 14 वर्ष की आयु की एनीमिया से ग्रस्त बालिकाएं
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत किसी भी आवेदन की आवश्यकता नहीं होती है।लाभार्थियों का चयन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (आशा वर्कर) द्वारा बच्चों और बालिकाओं की जानकारी एकत्रित की जाती है।चयनित लाभार्थियों को पोषण सामग्री उनके घर तक पहुँचाई जाती है।
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