मरीज की मौत पर हड़कंप: मेडोलक्स हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टरों का पर्दाफाश बिना लाइसेंस चला रहे थे हॉस्पिटल,4 लोगों पर मुकदमा दर्ज

लखीमपुर खीरी के मितौली कस्बे में स्थित मेडोलक्स हॉस्पिटल में एक महिला मरीज की मौत के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि अस्पताल बिना लाइसेंस और अप्रशिक्षित डॉक्टरों के द्वारा चलाया जा रहा था। कई तथाकथित डॉक्टरों की प्रमाणिकता संदिग्ध पाई गई। यह अस्पताल स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत नहीं था और चिकित्सा मानकों का पालन नहीं कर रहा था।

मेडलक्स हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टरों का भंडाफोड़

मिली जानकारी के अनुसार 16 जुलाई 2025 को दोपहर 1:45 बजे मितौली पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल का पूरी तरह से निरीक्षण किया। जिसमें यह पता चला कि हैदरनगर निवासी अंजली पत्नी विपिन कुमार की मौत चिकित्सकीय लापरवाही से हुई है।इसके साथ ही जांच में कई गंभीर खुलासे किए गए। डॉ. आनंद कुमार और डॉ. राम अवध ने ईसीजी और ब्लड रिपोर्ट के संकेतों को नजरअंदाज कर दिया। जब कि परिजनों की सहमति के बिना मरीज को ऑपरेशन थिएटर में भर्ती किया गया।

डॉ. राम अवध ऑपरेशन थिएटर में मौजूद भी नहीं थे।अस्पताल में न तो चिकित्सकीय पंजीकरण मिला और न ही बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की व्यवस्था थी।इसके अलावा अस्पताल संचालक अनिल कुमार ने उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर 12769 का इस्तेमाल किया। जब कि यह नंबर वास्तव में कर्तिकेय दीक्षित के नाम पर दर्ज है।

चार लोगों पर मुकदमा दर्ज, जांच जारी

मरीज की मौत के बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अस्पताल संचालकों और फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ धारा 304A (लापरवाही से मौत) समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अभी तक चार लोगों को नामजद किया गया है।

पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल की कार्यप्रणाली, दस्तावेजों और स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता की जांच की जा रही है। यदि आगे लापरवाही या धोखाधड़ी के और सबूत मिलते हैं, तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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