शहर के बिजली लोड को कम करने के लिए न्यू छाउछ उपकेंद्र का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि, यह निर्माण एक साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। अफसरों का कहना है कि काम का 80% हिस्सा पूरा हो चुका है, जबकि बाकी काम पूरा होने में दो से तीन महीने और लग सकते हैं।
रीवैंप योजना पर भी काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में आने वाले समय में उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।
निर्माणाधीन न्यू छाउछ उपकेंद्र, कार्य
लाइन खींचने का काम शुरू नहीं
भले ही उपकेंद्र का निर्माण अंतिम चरण में है, लेकिन बिजली लाइन खींचने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। इस देरी के कारण गर्मी के मौसम में भी उपभोक्ताओं को पुराने जैसी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। नई लाइन ओयल से खींची जानी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई।
10 एमवीए की क्षमता वाला उपकेंद्र
न्यू छाउछ उपकेंद्र जल भवन के पास बनाया जा रहा है। यह 10 एमवीए की क्षमता वाला होगा और लगभग 4,000 से 4,500 उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई देगा। इस परियोजना की लागत लगभग 5.50 करोड़ रुपये है।
उपकेंद्र के कंट्रोलरूम, मैन पैनल और यार्ड का काम लगभग पूरा हो चुका है। विभागीय अफसरों के अनुसार, बाकी का काम जल्द ही पूरा किया जाएगा।
उपकेंद्र और रीवैंप योजना में देरी
फॉल्ट से मिलेगी राहत
यह नया उपकेंद्र बनने के बाद शहर के बिजली लोड में कमी आएगी। इससे फॉल्ट और अन्य समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलेगी। एसडीओ एके चौरसिया ने बताया कि गर्मी शुरू होने से पहले यह उपकेंद्र चालू कर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
उपकेंद्र और रीवैंप योजना में देरी ने उपभोक्ताओं के लिए चिंता बढ़ा दी है। यदि काम जल्द पूरा नहीं हुआ, तो गर्मी के मौसम में बिजली संकट गहराने की आशंका है।