Lakhimpur Kheri News: कुकरा में बाघ की दहशत, ग्रामीणों में भय का माहौल

Lakhimpur Kheri News: लखीमपुर खीरी जिले के कुकरा गांव में बाघ की बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीणों के बीच भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। हाल ही में, बाघ ने गांव के तीन घरों में प्रवेश किया और आंगन में चहलकदमी की, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई।

घटनाओं का विवरण

बुधवार रात लगभग 11 बजे, दुधवा टाइगर रिजर्व के बफर जोन मैलानी रेंज के जंगल से एक बाघ निकलकर भीरा-कुकरा मार्ग पर चहलकदमी करता हुआ कुकरा गांव पहुंचा। वहां, पूरब मोहल्ला निवासी चांद, ईदगाह मोहल्ला के वसीम और पसियाना मोहल्ला के बलराम के घरों में घुसकर आंगन में घूमता रहा। गांव के कुत्तों के भौंकने की आवाज़ से जागे ग्रामीणों ने जब आंगन में बाघ को देखा, तो उनके होश उड़ गए। शोर मचाने पर बाघ वहां से निकलकर जटपुरा गांव की ओर बढ़ गया, जहां उसने अशोक के घर के पास और हरदुआ गांव में फूल मोहम्मद के घर के पास काफी देर तक चहलकदमी की। रात करीब 2 बजे, बाघ ढाका गांव पहुंचा और वहां भी लोगों के घरों के पास घूमता रहा। ग्रामीणों के शोर मचाने पर वह बरौंछा नाले की ओर चला गया।

वन विभाग की प्रतिक्रिया

बृहस्पतिवार सुबह, ग्रामीणों की सूचना पर मैलानी रेंजर साजिद हसन, डिप्टी रेंजर एसपी त्रिपाठी, राजाराम तिवारी और अखिलेश सिंह की टीम ने संबंधित गांवों का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों के घरों के सामने ताजे पगचिह्न देखकर बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की। वन विभाग की टीम ने गांव और खेतों में गश्त बढ़ा दी है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

Lakhimpur Kheri News
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ग्रामीणों की चिंता

जटपुरा प्रधान कुलदीप, हरदुआ के राम किशन और कुकरा प्रधान रहनुमा चौधरी ने बताया कि पिछले एक महीने से जंगल के आसपास बसे गांवों में एक बाघ और तीन शावकों के साथ बाघिन मंडरा रही है। बाघों ने आबादी से सटे गन्ने के खेतों में डेरा जमा लिया है, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है। बाघ के हमले के डर से लोग खेतों में जाने से कतरा रहे हैं और गन्ने की कटाई भी प्रभावित हो रही है, जिससे उनकी खेती-बाड़ी चौपट हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब बाघ घरों में भी घुसने लगे हैं, जिससे वे रात में घरों के सामने आग जलाकर जागने को मजबूर हैं। उन्होंने वन विभाग से बाघ को पकड़कर जंगल में छोड़ने की मांग की है।

वन विभाग की योजना

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरे भी स्थापित किए गए हैं। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे रात में समूह में रहें, शोर मचाएं और खेतों में अकेले न जाएं। वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है और बाघ को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

सुरक्षा के उपाय

ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं:

  • रात में सतर्कता: रात के समय घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
  • समूह में रहना: रात में अकेले बाहर न निकलें और समूह में रहें।
  • शोर मचाना: बाघ के संभावित उपस्थिति के संकेत मिलने पर शोर मचाएं, ताकि वह दूर भाग जाए।
  • वन विभाग से संपर्क: बाघ की गतिविधियों की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।

निष्कर्ष

कुकरा और आसपास के गांवों में बाघ की बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीणों के जीवन को प्रभावित किया है। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय है। ग्रामीणों से अपील है कि वे सतर्क रहें और वन विभाग के निर्देशों का पालन करें, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

इस बीच, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है और बाघ को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, समूह में रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।

इस घटना ने एक बार फिर मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर किया है, जो जंगलों के घटते क्षेत्रफल और मानव बस्तियों के विस्तार के कारण बढ़ रहा है। इसलिए, आवश्यक है कि वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ मानव जीवन की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है और बाघ को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, समूह में रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।

संगीता एक सीनियर कंटेंट राइटर हैं। उन्हें 5 साल का अनुभव है। वह टेक्नोलॉजी, ब्लॉगिंग, ऑनलाइन पैसा कमाने और लेटेस्ट न्यूज़ खबरों पर लेख लिखने पसंद हैं।

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