गोला गोकर्णनाथ। शिव मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है और अब निर्माण का चरण शुरू हो गया है। इस परियोजना के तहत गोकर्ण तीर्थ का स्वरूप भी बदलने जा रहा है।
अष्टकोणीय से षटकोणीय हुआ तीर्थ का आकार
पहले गोकर्ण तीर्थ का आकार अष्टकोणीय था, लेकिन अब इसे षटकोणीय बनाया जा रहा है। इसके अलावा, दक्षिणी किनारे पर नई सीढ़ियां बनाई जा रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं को और सुविधा होगी। महादेव धर्मशाला की जगह पर अब यात्रियों के लिए शेड का निर्माण किया जाएगा।
निर्माण कार्य तेजी से जारी
कॉरिडोर निर्माण कार्य की देखरेख कार्यदायी संस्था के जेई विवेक वाजपेई और मैनेजर अमरेश प्रताप सिंह कर रहे हैं। रिटेनिंग दीवार और तीर्थ क्षेत्र का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। सीढ़ियों का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इन पर लाल बलुआ पत्थर लगाया जा रहा है।
महाशिवरात्रि तक कार्य पूर्ण होने का लक्ष्य
संस्था का प्रयास है कि महाशिवरात्रि तक इस परियोजना का कार्य पूरा हो जाए। श्रद्धालु इस नए स्वरूप को देखकर एक नई आध्यात्मिक अनुभूति कर सकें।
ध्वस्तीकरण में कुछ कार्य बाकी
ध्वस्तीकरण के दौरान एक घर और डल्लूराम मंदिर का जर्जर आवासीय परिसर अभी शेष है। प्रशासन ने घर खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। इसे खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
नई सुविधाओं से तीर्थ में आएगा बदलाव
इस परियोजना के पूरा होने के बाद शिव मंदिर परिसर और गोकर्ण तीर्थ में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। सीढ़ियों और यात्री शेड के निर्माण से श्रद्धालुओं को अधिक आराम मिलेगा। यह कार्य गोकर्णनाथ को एक नए और आकर्षक स्वरूप में प्रस्तुत करेगा।
नोट: इस परियोजना के पूरा होने से गोकर्ण तीर्थ न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यटन के दृष्टिकोण से भी एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।